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Saturday, August 24, 2019

माँ प्राणियोँ में सद्भावना व प्यार दे! मानव में मानवता जीवित रहे!-।।ॐ जय माता दी ॐ ।।- विजय शंकर यादव
माता रानी की असीम कृपा से इस सावन में शक्तिपीठ नैना देवी माता रानी का दर्शन करने का शौभाग्य प्राप्त हुआ। माता का ये स्थान देव भूमि हिमांचल प्रदेश में है। लगभग 16 KM ऊंचा शिवालिक पर्वत श्रेणी की पहाड़ियों पर ये भब्य मंदिर स्थिति है। इत्तनी ऊँचाई पर पहुँच कर मानो ऐसा लगता है जैसे आकाश में आ गए हो। चारो तरफ पहाड़ व बदलो घिरा  ऐसा लगता है कि प्रकृति माँ के मंडप की आगवानी कर रही हो। माता के मण्डप में एक विशाल पीपल का बृक्ष है जो श्रधालुओ को बहुत ही आकर्षित करता है। सूरज व चांद अपनी रोशनी से माँ के मंडप को सुशोभित करते है। कभी कभी तो ऐसा लगता है कि हम सूरज व चांद के कितना समीप है। लगभग 16KM  की ऊँचाई पर पूरा जनजीवन मानवीय जीवन जीने योग्य ये किसी चमत्कार से कम नही है। माता रानी अपने भक्तों का बहुत ख़य्याल रखती है।
।।ॐ जय माता दी ॐ।। ॐ माता रुक्मणि राधे कृष्ण की जय ॐ ।।
विजय शंकर ग्वाल

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#प्रभु श्री कॄष्ण जी का जीवन प्यार धर्म व मित्रता को समर्पित रहा-विजय शंकर यादव #संसार को गीता का सन्देश देने वाले प्रभु श्री कृष्ण का आज जन्मदिवस सभी मानव जन मना रहे है। प्रभु का जीवन चरित्र मानव को प्रेणना देता है। कर्म की प्रधानता को महत्व देते हुए प्रभु ने धर्म ग्रन्थ गीता में कहा कि फल व परिणाम की चिंता छोड़ मानव अच्छे कर्म करे। धर्म के रास्ते पर चले। अधर्म व बुराई का कड़ा विरोध करे। प्रभु ने कहा कि बुराई के रास्ते पर चलने वालों दुसरो को कष्ट पहुचाने वालो का कभी भला नही हो सकता। आज आध्यात्मिक मजबूती का सबसे बड़ा माध्यम गीता है। जिसके कथन को हर किसी ने स्वीकार किया। आध्यत्मिक परिचर्चा में धर्म ग्रन्थ गीता के उल्लेखों पर प्रकाश डाला कर ही आध्यत्मिक प्रवचनों की नींव पड़ी है। प्रभु जी का जीवन प्यार धर्म मित्रता को समर्पित रहा। हम ऐसे देवत्व प्रभु की आराधना करते है उनको नमन करते है निवेदन करते है कि मानव जीवन का कल्याण करे रक्षा करे। ।।।ॐ माता रुक्मणि राधे कृष्ण मंडप की तरफ से आप को प्रभु श्री कृष्ण जन्म आष्टमी की बधाई!! विजय शंकर ग्वाल https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=3208037245878262&id=100000160555856